



राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार, द्वारा गठित नराकास गांधीनगर के संयोजन का कार्य बैंक ऑफ बड़ौदा, एपेक्स अकादमी, गांधीनगर करता है। नराकास गांधीनगर के सदस्यों में गांधीनगर स्थित भारत सरकार के सभी कार्यालय, स्वायतशासी संस्थान, शिक्षण संस्थान, बैंक, बीमा एवं उपक्रम शामिल हैं जिसमें राष्ट्रीय महत्व का संस्थान-राष्ट्रीय न्यायालयिक विज्ञान विश्वविद्यालय, वैज्ञानिक संस्थान-प्लाज़्मा अनुसंधान संस्थान, प्रौद्योगिकी संस्थान-आईआईटी गांधीनगर, भारत सरकार के राज्य स्तर के कार्यालय–जनगणना कार्य निदेशालय, अर्ध सैनिकबलों/रक्षा संस्थानों के कमान–मुख्यालय और बैंकों /वित्तीय संस्थाओं के अंचल स्तर के कार्यालय इस नराकास को विविधता प्रदान करते हैं। नराकास गांधीनगर के इस मंच से सदस्य कार्यालयों द्वारा वर्ष 2024-25 में कई अहम विषयों पर व्याख्यान /वेबिनार /प्रतियोगिता सहित 49 कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। यह नराकास, गांधीनगर के स्थानीय साहित्यकारों /भाषाविदों /लेखकों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रत्येक वर्ष नराकास भाषा सम्मान का भी आयोजन करता है। नराकास गांधीनगर निरंतर सदस्य कार्यालयों के सहयोग से राजभाषा कार्यान्वयन को बढ़ावा दे रहा है। इसी परंपरा में अखिल गुजरात हिंदी संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। इसके बाद इसी वर्ष नराकास गांधीनगर द्वारा राष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठी का आयोजन भी प्रस्तावित है।
आपको यह सूचित करते हुए अत्यंत हर्ष हो रहा है कि प्लाज़्मा अनुसंधान संस्थान राजभाषा के कार्यान्वयन में पूरी तत्परता से प्रयत्नशील है। राजभाषा के समुचित प्रचार-प्रसार के लिए संस्थान द्वारा हर वर्ष हिंदी में एक संगोष्ठी का आयोजन किया जाता है। ये संगोष्ठियां राष्ट्रीय एवं स्थानीय स्तर पर भी आयोजित की जा चुकी है। पिछले वर्ष स्थानीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया था, जिसमें नराकास, गांधीनगर, नराकास, अहमदाबाद(कार्यालय) एवं नराकास, अहमदाबाद (बैंक) के सदस्य कार्यालयों के कार्मिकों ने भाग लिया था। इस वर्ष नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास) गांधीनगर, के सौजन्य से, प्लाज़्मा अनुसंधान संस्थान (IPR), गांधीनगर और, सूचना एवं पुस्तकालय नेटवर्क (इनफ्लिबनेट) केंद्र, गांधीनगर द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित अखिल गुजरात हिंदी संगोष्ठी 2025 का आयोजन किया जा रहा हैं, जिसमें केन्द्र सरकार के गुजरात राज्य में स्थित सभी सरकारी कार्यालयों, बैंकों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों के कार्मिक भाग लेंगे।
सूचना और पुस्तकालय नेटवर्क (INFLIBNET) केंद्र भारत के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) का एक स्वायत्त अंतर-विश्वविद्यालय केंद्र है, जिसे 27 फरवरी 1991 को IUCAA के तहत एक परियोजना के रूप में स्थापित किया गया था और 16 मई 1996 को यह एक स्वतंत्र केंद्र बन गया। INFLIBNET केंद्र, जिसका मुख्यालय गांधीनगर, गुजरात में है, विश्वविद्यालय के पुस्तकालयों को आधुनिक बनाने और अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करके एक राष्ट्रव्यापी हाई-स्पीड डेटा नेटवर्क के माध्यम से पूरे भारत में सूचना केंद्रों को जोड़ने के लिए समर्पित है। यह केंद्र देश में शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं के बीच सूचना के उपयोग को बढ़ावा देने और विद्वानों के बीच संचार का आदान-प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। केंद्र शैक्षणिक संसाधनों तक पहुँच बढ़ाने और अनुसंधान सहयोग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न डिजिटल पहल भी प्रदान करता है। अपने प्रयासों के माध्यम से, INFLIBNET पुस्तकालय सेवाओं में उन्नत सूचना और संचार प्रौद्योगिकी को एकीकृत करके भारत में उच्च शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करता है।
प्लाज़्मा अनुसंधान संस्थान (आईपीआर), परमाणु ऊर्जा विभाग, भारत सरकार का सहायता प्राप्त एक प्रमुख वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थान है, जो गांधीनगर, गुजरात में इंदिरा ब्रिज के पास स्थित है। यह संस्थान चुंबकीय परिसिमन संलयन (मैग्नेटिकली कन्फाइंड प्लाज़्मा) अनुसंधान तथा प्लाज़्मा प्रौद्योगिकियों के विकास और उनके सामाजिक उपयोगों हेतु कार्यरत है। इसने स्वदेशी रूप से आदित्य और SST-1 टोकामॅक विकसित किए हैं। यह संस्थान फ्रांस के कडराच स्थित इंटरनेशनल थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर (ITER) की स्वदेशी एजेंसी भी है, तथा अंत र्राष्ट्रीय LIGO (लेज़र इंटरफेरोमीटर ग्रैविटेशनल ऑब्ज़र्वेटरी) कार्यक्रम का भी हिस्सा है। औद्योगिक प्लाज़्मा प्रौद्योगिकी सुविधा केंद्र (FCIPT) गांधीनगर, गुजरात में तथा गुवाहाटी स्थित प्लाज़्मा भौतिकी केंद्र – प्लाज़्मा अनुसंधान संस्थान (CPP-IPR) में भी इसकी प्रयोगशालाएँ हैं।